Thursday, January 27, 2011

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ठीक ११ वाजून ५९ मिनिटांनी ललकारी, तुतारी,बॅंडच्या,निनादात राष्ट्रपती डॉ. शंकर दयाळ शर्मा यांनी अशोक हॉलमध्ये प्रवेश केला. सर्वजन उठुंन  उभे राहिले आणि राष्ट्रपती व्यासपीठावर स्थानापन्न झाल्यावर खाली बसले. राष्ट्रपतींच्या उजव्या बाजूला वनमंत्री आणि डाव्या बाजूला वनसचिव बसले. हॉल मध्ये शांतता पसरली. 
सुरवातीला वनमंत्र्यांनी सर्वांचे स्वागत करून  पुरस्काराचे  प्रयोजन सांगितले. पुरस्कार वितरणाला सुरवात झाली. आण्णांचे (धो. म. मोहिते ) नाव  पुकारताच ते व्यासपिठासमोरील छोट्या चौकोनी आकाराच्या गालीच्या कडे रुबाबात चालत निघाले. गालीच्या वर उभे  राहून त्यांनी राष्ट्रपतींना वाकून अभिवादन केले. आणि आण्णांना हा पुरस्कार का दिला जातोय, याची माहिती निवेदिका माईक  वरून देऊ लागली.


"स्वतंत्रता सेनानी,कर्मठ सामाजिक कार्यकर्त्ता तथा वनीकरण एव वन्यजीव संरक्षण के पुनीत कार्य में सफलतापूर्वक जन - जन को जागरुक बनाने वाले श्री.धोंडीराम  महादेव मोहिते ने महाराष्ट्र के सांगली जिले में 'सागरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य' के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई  है  ! श्री  मोहिते ने 'सागरेश्वर अभयारण्य' के विकास के लिए १९७० से १९८३ के दौरान जन मानस को जुटाया जिसकी सफल परिणिति १९८३ में १०८७ हेक्टर क्षेत्र में अभयारण्य की स्थापना और उसकी अधिसूचित करने के साथ हुई ! श्री मोहिते के अथक प्रयासों के फल स्वरुप अभयारण्य की परिस्थिती में सुधार हुआ ! उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट कर्योंकी की राज्य सरकार, विश्व प्रकृति निधि तथा वनीकरण व संरक्षण कार्य में लगे अन्य संगठनोने भूरि - भूरि प्रशंशा की  है !
"पर्यावरण प्रदुषण के नियंत्रण , वनीकरण एव उसके संरक्षण की आवश्यकता के प्रति आम जागरूकता उत्पन  करने के लिए  श्री मोहिते ने ९९ अध्ययन दौरे,विचार-गाष्ठिया , कार्यशालाएं तथा व्याख्यान आयोजित किये और लघु स्तरीय संस्था ओ  की स्थापना  की  जिनमे अध्यापको, चिकिस्तको, इंजीनियरों, पत्रकारों, बच्चो, आदि को शामिल किया गया !१९८७ में उन्होंने 'वृक्ष दिंडी' नामक कार्यक्रम शुरू किया जिसका उदेश पोधे वितरण करना, वृक्षारोपण कार्यक्रमों व बिज बैंक तैयार करने के लिए मार्गदर्शन करना था ! यह कार्यक्रम सांगली जिले में अज भी लोकप्रिय है ! श्री मोहिते द्वारा जागरूकता बढाने कि दिशा में किये गये प्रयत्नों से ग्राम समाज तथा शैक्षणिक संस्थाओ के वनीकरण प्रयासों को बढ़ावा मिला है ! धोंडीराम महादेव मोहिते.......सांगली......महाराष्ट्र!"

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